Category Samaradhan

श्रीविद्योपासना एवं अन्‍य पूजन संबंधी जिज्ञासाओं के समाधन हेतु प्रस्‍तुत।
Platform to address inquiries concerning SrividyoPasana in particular.and other Rituals.

श्रीगुरुपादुका महिमा

Shri Guru Paduka

श्रीगुरुपादुका महिमा आशा है “श्रीगुरु महिमा” नामक इस श्रंखला का प्रथम लेख आपने पढ़ लिया होगा। शास्‍त्रों में गुरुपादुका की महिमा बहुत विस्‍तार से वर्णित है। गुरुत्रय के पादुका मन्‍त्र का उपदेश श्रीविद्योपासना का अति आवश्‍यक अङ्ग है। इस लेख…

श्रीगुरु महिमा

Guru Mahima

Glory Of The Guru श्रीगुरु महिमा गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्‍णुर्गुरुर्देवो महेश्‍वर:।  Register Or Login गुरु ही ब्रह्मा है, वही विष्‍णु और वही महेश्‍वर (शिव) भी है। यह तीन रूप वाला (सगुण) गुरु ही (निर्गुण रूप में) साक्षात् परब्रह्म है। उस गुरु के…

तान्त्रिक सन्‍ध्‍या परिचय एवं संकल्‍प

तन्त्रिक सन्‍ध्‍या

Tantrik Sandhya Introduction And Sankalpam अनन्‍तर गायत्री पढ़, केश बाँध, शुद्ध मट्टी अथवा भस्‍म का माथेपर बिन्‍दुयुक्‍त तिलक लगावे और त्रिपुण्‍ड्र धारण करे।(०५/४३ म.नि.तन्‍त्र) वैदिकी तान्त्रिकीञ्चैव यथानुक्रमयोगत:।       सन्‍ध्‍यां समाचरेन्‍मन्‍त्री तान्त्रिकीं श्रुणु कथ्‍यते।। अर्थात् फिर क्रमानुसार वैदिकी और तान्त्रिकी सन्‍ध्‍या…

रश्मिमाला भाग-०२

रश्मिमाला

।।श्रीसद्गुरुचरणकमलेभ्‍यो नम:।।                                                                                      ।।श्रीललितामहात्रिपुरसुन्‍दर्यै नम:।। रश्मिमाला भाग-०२ आइए अब रश्मिमाला की रश्मियों अर्थात् मन्‍त्रों के विषय में चर्चा कर लें। रश्मिमाला के अन्‍तर्गत आनेवाले मन्‍त्र विभिन्‍न समूहों में क्रमबद्ध किए गए हैं। ये समूह अथवा वर्ग रश्मिपञ्क मन्‍त्र कहलाते…

रश्मिमाला – भाग ०१

रश्मिमाला

श्रीसद्गुरुचरणकमलेभ्‍यो नम:।।                          ।।श्रीललितामहात्रिपुरसुन्‍दर्यै नम:।। रश्मिमाला भाग-०१ निगम आगम शास्‍त्रों में शक्ति उपासना के विविध आयाम उपलब्‍ध हैं। इनमें सर्वश्रेष्‍ठ साधना श्रीविद्या को माना गया है। यह परम रहस्‍यमयी श्रीविद्या अत्‍यन्‍त गूढ़ एवं गुरुमुखगम्‍य है। इसका वर्णन सूक्ष्‍मरूप…

गुरुत्रय औघत्रय- भाग ०2

Gurutraya Oughtraya

Please Rergister or Login गुरुत्रयं औघत्रयं –  भाग ०२ ॐ नमो ब्रह्मादिभ्यो ब्रह्मविद्यासम्प्रदायकर्तृभ्यो वंशर्षिभ्यो महद्भ्यो नमो गुरुभ्यः । सर्वोपप्लवरहितः प्रज्ञानघनः प्रत्यगर्थो ब्रह्मैवाहमस्मि ॥ १॥ ॐ नारायणं पद्मभुवं वसिष्ठं शक्तिं च तत्पुत्रपराशरं च । व्यासं शुकं गौडपदं महान्तं गोविन्दयोगीन्द्रमथास्य शिष्यम् ॥…

श्रीविद्याचिन्‍तन Understanding ShriVidya – 4

Shrimatre Namah

सर्वसिद्धिकरी स्‍तुति सरलार्थ श्‍लोक संख्‍या ०६ से १२   सर्वसिद्धिकरी स्‍तुति सरलार्थ Sarvasiddhikari Stuti Meaning सर्वसिद्धकरी स्‍तुति सरलार्थ श्‍लोक संख्‍या ०६ से १२ श्‍लोक संख्‍या – ६ इस मातृका का एकादश अर्थात् ग्‍याहरवाॅं अक्षर ‘ए’ त्रिकोण का ही रूप है…

श्रीविद्या चिन्‍तन Understanding ShriVidya – 3

Shri Lalita

सर्वसिद्धिकरी स्‍तुति श्‍लाेकार्थ ०१ से ०५ श्रीविद्याचिन्‍तन Understanding ShriVidya – 3 सर्वसिद्धिकरी स्‍तुति सरलार्थ श्‍लोक सं. ०१ से ०५  Sarvasiddhikari Stuti Meaning Shlokas 01to05 सर्वसिद्धिकरी स्‍तुति १२ श्‍लाकों में निबद्ध श्रीदेवी की  मन्‍त्रमयी मातृकारूप में स्‍तुति है। श्रीविद्या के परमोपासक…

पुण्‍यनिकुञ्ज Punyanikunja

Ashram

पुण्‍यनिकुञ्ज Punyanikunj श्रीराधाष्‍टमी भाद्रपद शुक्‍ल अष्‍टमी २०८१ शिष्‍यों के मानस में शुभ विचार का उदय  ब्रज में एक विशाल पवित्र आश्रम का निर्माण कराया जाए जिसमें निम्‍न सुविधाऐं हों – प्रमुखत: वरिष्‍ठों के लिए जीवन के अन्तिम समय को ब्रज…

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